फ्लोपी ड्राइव से सुपर डिस्क तक

Posted By: Dharmendra Goyal - 4:56 pm

Share

& Comment

पहले कंप्यूटर आया साथ ही आयी फ्लोपी डिस्क। और फिर सीडी, डीवीडी, पैन ड्राइव, ब्लू रे से होती हुई फ्लेश ड्राइव तक आई है।
वैसे आजकल मोबाइल फोन, डेटा कार्ड तथा कुछ अन्य प्रकार की डिवाइजों में भी डाटा इकट्ठा किया जा सकते हैं। लेकिन डीवीडी और पैन ड्राइव सबसे अधिक प्रचलित स्टोरेज डिवाइजें हैं।
लेकिन अब कुछ जापानी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सुपर डिस्क बनाई है जिसकी स्टोरेज क्षमता बेजोड़ होगी, क्योंकि इसमें 4-5 नहीं बल्कि 1000 ब्लू रे डिस्क में समा सके इतने आँकड़े संग्रहित किए जा सकेंगे।
यह सुपर डिस्क एक विशेष पदार्थ से बनी है। इस विशेष पदार्थ की काले रंग की धातु विद्युत को कंडक्ट करती है रोशनी के सम्पर्क में आने पर कत्थई रंग के सेमीकंडक्टर में बदल जाती है। यह पदार्थ टाइटैनियम ऑक्साइड का नया क्रिस्टल अवतरण है।



रोशनी के सम्पर्क में आने पर यह काले रंग के कंडक्टर और कत्थई रंग के सेमीकंडक्टर में बदलता रहता है। यह चिप के ऑन-ऑफ फंक्शन की तरह ही काम करता है और आँकड़ों के हिसाब से रंग बदल कर उन्हें प्रेषित कर सकता है।
वैज्ञानिकों ने इस पदार्थ को 5 से 20 नैनोमीटर के व्यास में ढालने में सफलता अर्जित की है। इतनी छोटे आकार के पदार्थ को मिलाकर एक डिस्क तैयार किया है जिसमें 1000 ब्लू रे डिस्क में समा सके उससे भी अधिक आँकड़े संग्रहित किए जा सकेंगे।
अभी इस तकनीक पर आधारित डिस्क के बाज़ार में आने की सम्भावना कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी इस तकनीक पर आधारित डेटा राइटिंग डिवाइजों और रीडर का विकास किया जाना बाकी है। लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की सुपर डिस्क का चलना काफी बढेगा।  

About Dharmendra Goyal

Hindi Computing Tips is an online Computer Publication that complies Bizarre, Odd, Strange, Out of box facts about the stuff going around in the world which you may find hard to believe and understand. The Main Purpose of this site is to bring reality with a knowledge of computing

Copyright © 2015 हिंदी कंप्यूटिंग टिप्स and designed by Templateism.