How to Learn Computer in Hindi

How to Learn Computer in Hindi
आप कंप्यूटर सीखना तो चाहते है लेकिन हिंदी में नेट पे बहुत कम लेख उपलब्ध होने के कारण सीख नहीं पा रहे है तो.....
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जी-मेल, याहू एवं हॉटमेल पर नया ईमेल अकाउंट कैसे बनाये ?

Posted By: Dharmendra Goyal - 1:10 pm
जी-मेल, याहू एवं हॉटमेल आपको फ्री इमेलिंग सर्विस प्रोवाइड करवाते है अगर आप अपना नया ईमेल अकाउंट बनाना चाहते है तो आपके पास एक वैलिड फ़ोन नम्बर होना जरूरी है क्योंकि नया ईमेल अकाउंट बनाने के दौरान इन कंपनियों दवारा एक सीक्रेट कोड का SMS आपके मोबाइल पे भेजा जाता है जिसको बताये गए जगह टाइप करने के पश्चात आपका अकाउंट वेरीफाई हो जाता हैं और इस ईमेल एड्रेस को अब आप अपने पर्सनल और व्यापार के लिए ईमेल भेजने और प्राप्त करने के काम ले सकते है । 

स्टेप - 1st 
जीमेल, हॉटमेल या याहू मेल के होमपेज पे जाये वह पे आपको क्रिएट एन अकाउंट या साइन अप हियर लिखा हुआ लिंक दिखेगा वह क्लिक करने पर आप नए अकाउंट बनाने के पेज पे मूव कर जायेंगे । 

  


Step - 2nd 
यहाँ पे आपको अपना नाम, जन्म तिथि, लिंग, अपने देश का नाम, पिन कोड (अपने शहर या गांंव का), अपने देश के आई एस डी कोड के साथ अपना मोबाइल नंबर एंटर करना होता है ।

इन सब के साथ आपको एक यूनिक यूजरनेम बनाना होता है जिसके लिए आप पहले केवल अपने नाम के साथ बनाने की कोशिश करे, उपलब्ध न होने पर इसके साथ अपनी जन्म तिथि या फिर याद रखने योग्य किसी अन्य प्रकार के नंबर का भी प्रयोग कर सकते है ।

पासवर्ड बनाने में हमेशा सावधानी बरते क्योंकि यह याद रखने में आसान और काम में लेने में टिपिकल होना चाहिए इसके लिए आप पासवर्ड हमेशा अल्फानुमेरिक बनाये एवं इसके साथ किसी एक विशेष सिम्बल का प्रयोग जरूर करे ।

  
  

स्टेप - 3rd
जब आप फॉर्म सबमिट करेंगे, आपके मोबाइल पे आपको एक SMS प्राप्त होगा इस में से कोड देख के आपको अपना फ़ोन नंबर वेरीफाई करना होता है ।  यह फ़ोन नंबर आपको आपका ईमेल एड्रेस हैक होने से भी बचाएगा, क्योंकि बिना आपकी जानकारी के कोई भी आपका पासवर्ड तब तक नहीं बदल सकता है जब तक की  आपके मोबाइल पर सर्विस प्रोवाइडर दवारा भेजा गया यूनिक कोड एंटर नहीं किया जाता है । 

मोबाइल से इंटरनेट कैसे करें कनेक्ट?

Posted By: Dharmendra Goyal - 1:59 pm

मोबाईल से कंप्यूटर को इन्टरनेट के लिए कंनेक्ट करने के सिम्पल स्टेप्स : 


  • मोबाइल का ब्लूटूथ आन करें.
  • इसके बाद अपने कंप्यूटर में कंट्रोल पैनल खोलें, उसमे network connections पर क्लिक करें.
  • इसके बाद जो विंडो खुले उसमे new connection wizard पर डबल क्लिक करें.
  • अब जो विंडो खुले उसमे नेक्स्ट पर क्लिक करें, 
  • इसके बाद जो विंडो खुले उसमे फिर नेक्स्ट पर क्लिल्क करें.
  • इसके बाद जो विंडो खुले उसमे set up my connection manually को क्लिक करके नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें.
  • इसके बाद जो विंडो खुलती है उसमें भी नेक्स्ट पर क्लिक कर दें .
  • अब इसके बाद जो विंडो खुले उसके खाली बाक्स में विना कुछ लिखे नेक्स्ट बटन दबाएँ. 
  • अब जो विंडो खुले उसके खाली बाक्स में *99# टाइप करें व इसके बाद नेक्स्ट बटन दबाएँ. 
  • अब जो विंडो खुले उसके खाली बाक्स में Username की जगह अपना नाम टाइप करें या Mobile Service Provider Company (ex. : Airtel, Aircel, Idea,Vodafone etc.) का नाम टाइप करें . 
  • इसके बाद नेक्स्ट बटन दबाएँ. 
  • इसके बाद जो विंडो खुलती है उसमे finish बटन दबाएँ 
  • इसके बाद सारी विंडो बंद कर दें.

नेक्स्ट स्टेप्स :

  • अब आप फिर से कंट्रोल पैनल में network connections पर क्लिक करें. 
  • इसके बाद जो विंडो खुलती है उसमे dial-up connection के नाम से एक आइकन दिखाई देगा उस पर डबल क्लिक करें. 
  • इसके बाद जो विंडो खुले उसमे Dial बटन पर क्लिक करें. 
  • अब आपका मोबाइल इंटरनेट से कनेक्ट हो जायेगा. 

अब आप अपने कंप्यूटर में फायरफाक्स या इंटरनेट एक्सप्लोरर को ओपन करें व इंटरनेट चलाने का आनंद उठायें.

इंटरनेट की बेहतर स्पीड ?

Posted By: Dharmendra Goyal - 12:02 am
इंटरनेट की स्पीड कई चीजों पर निर्भर करती है। मसलन आपके कंप्यूटर की स्पीड, मॉडम/राउटर और कंप्यूटर के बीच कनेक्शन की स्पीड और मॉडम/राउटर से आईएसपी तक की स्पीड। आपको यह बात समझ लेनी चाहिए कि इन तीनों में से जो स्पीड सबसे कम होगी, आपको अपने इंटरनेट पर वही स्पीड मिलेगी। चूंकि आप मॉडम के तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए ऐसा मान सकते हैं कि आप जीपीआरएस का यूज कर रहे होंगे। हम यह भी मानकर चल रहे हैं कि आपके पास एक अच्छा कंप्यूटर है, जिसमें भरपूर रैम है। इसके अलावा आपके पास एक अच्छा प्रॉसेसर है, जिसकी हार्ड डिस्क में 5 से 7 जीबी का फ्री स्पेस है। 

अगर आप यूएसबी केबल के जरिए कंप्यूटर को मोबाइल से कनेक्ट करते हैं, तो कंप्यूटर और मोबाइल के बीच डेटा 300 से 400 मेगा बिट्स प्रति सेकंड की दर से ट्रांसफर होगा। ब्लूटुथ कनेक्शन की स्पीड करीब 3 मेगाबिट्स प्रति सेकंड है, जबकि जीपीआरएस कनेक्शन 50 किलोबाइट की दर से डेटा ट्रांसफर कर सकता है, जो ब्लूटुथ कनेक्शन के मुकाबले काफी कम है। यहां यह भी साफ है कि यूएसबी केबल ब्लूटुथ के मुकाबले 100 गुना तेज स्पीड दे सकता है। चूंकि कम स्पीड जीपीआरएस की वजह से है इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप केबल कनेक्शन का यूज कर रहे हैं या ब्लूटुथ कनेक्शन का, इंटरनेट आपको तब तक वही स्पीड देता रहेगा, जब तक आप 3जी कनेक्शन या किसी ऐसे मोबाइल कनेक्शन का यूज नहीं करते, जो अच्छी स्पीड देता हो।

जीमेल में जोड़ें सिग्नेचर लोगो

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:47 pm

अगर आप गूगल की ई-मेल सर्विस, यानी जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो आप इसमें अपने सिग्नेचर के साथ लोगो भी जोड़ सकेंगे। अभी तक जीमेल में सिर्फ सादे टेक्स्ट सिग्नेचर ही मंजूर किए जाते थे।
सिग्नेचर के फांट साइज, कलर को बदला नहीं जा सकता था। मौजूदा व्यवस्था में सिग्नेचर के साथ तस्वीर या कोई और लिंक को जोड़ने की भी सुविधा नहीं थी। अब जीमेल के सेटिंग्स पर जाकर आप अपना सिग्नेचर बना सकते हैं।
गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मार्क निकेल ने बताया कि जीमेल का लेटेस्ट डेस्कटॉप वर्जन ही इस नए सिग्नेचर को सपोर्ट करेगा।
पुराने एचटीएमएल वर्जन,मोबाइल जीमेल आदि में सिर्फ सादे सिग्नेचर ही चलेंगे।

How to add Signature Logo :

Step 1Insert text to signature
-    Sign in Gmail.
-    Select Settings at the top right of Gmail page.
-    Under the General tab, select Signature heading.
-    Click on the button next to the box.
-    Type you desired text to make signature.
-    Choose Save Changes.
Step 2Insert picture, logo or link to your Gmail signature
It’s not lucky for us that Gmail doesn’t support inserting html code, graphics, or rich text format into the signature. If you still want to put a picture to your signature, you can follow this way. You copy the picture on the internet by right-click on the picture, click copy and paste into the email, you have to do this every time you send an email. Otherwise, you can save a draft with a picture signature, and every time you want to create an email, you will compose on the saved draft.

सरहद पार से दिल जोड़े इंटरनेट ने

Posted By: Dharmendra Goyal - 7:06 pm

कंप्यूटर देखती महिला
शहनाज़ परवीन दिन में कई घंटे अपने रिश्तेदारों से बात करने में बिताती हैं
रिफ़्यूजी फ़िल्म का एक गाना है, पंछी, नदिया, पवन के झोंके, कोई सरहद न इन्हें रोके....
इसी कड़ी में एक नाम शामिल हो गया है इंटरनेट का. इसकी पहुँच भी किसी सरहद की मोहताज नहीं है. आप न केवल घर बैठे देश-दुनिया से जुड़ते हैं बल्कि एक दूसरे की आवाज़ सुनते हैं, उनके चेहरे देखते हैं.
भारत के कई परिवार ऐसे हैं जिनके कुछ सदस्य विभाजन के समय या उसके कुछ बाद पाकिस्तान चले गए थे. आज उनमें से कई परिवार इंटरनेट के ज़रिए एक दूसरे के क़रीब आ गए हैं.
दिल्ली की शहनाज़ परवीन लाहौर और कराची में रह रहे अपने रिश्तेदारों से फ़ोन पर बात करती थीं लेकिन उससे जी नहीं भरता था. वह कहती हैं, फ़ोन पर बात होती थी लेकिन बहुत महंगी पड़ती थी. इसलिए दो-चार मिनट बात करके फ़ोन रख दिया करते थे. अब जबसे इंटरनेट कनेक्शन लिया हो तो रात को खाने के बाद रोज़ाना दो घंटे बात होती है.
हमने वेबकैम लगा दिया और पाकिस्तान में रहने वाले मेरे भांजे-भांजियों ने शादी की सारी रस्में देखीं. ऐसा लगा जैसे वे हमारे साथ ही शामिल हों.
शहनाज़ परवीन
दिल्ली की ही मुसर्रत को जब इस माध्यम के बारे में पता चला तो उन्होंने लाहौर और कराची में अपने रिश्तेदारों की तलाश शुरू की. इसके लिए उन्होंने फ़ेसबुक का सहारा लिया. कुछ मिले तो कुछ के बारे में पता नहीं चल पाया. लेकिन वह इस माध्यम से बहुत संतुष्ट हैं.
इंटरनेट के साथ वेबकैम को कई लोग सोने पर सुहागा मानते हैं. शहनाज़ परवीन की बेटी की शादी हुई तो पाकिस्तान में रहने वाली उनकी बहन तो आ गईं लेकिन वह इस बात को लेकर दुखी थीं कि उनके बच्चे अपनी बहन की शादी में शिरकत करने से महरूम रह गए. लेकिन उसका इलाज था वेबकैम.
शहनाज़ परवीन कहती हैं, "हमने वेबकैम लगा दिया और पाकिस्तान में रहने वाले मेरे भांजे-भांजियों ने शादी की सारी रस्में देखीं. ऐसा लगा जैसे वे हमारे साथ ही शामिल हों".

तीज-त्योहार पर भी...

यानी शादी का नज़ारा सबने देखा लेकिन तीज-त्योहार...पाकिस्तान में रह रहे हिंदू परिवार इस समय विशेष तौर पर कुछ अकेलापन महसूस करते हैं.
भारत में होली और दीवाली की रौनक़ को याद करके इस्लामाबाद में रहने वाले डॉक्टर राजकुमार अकसर परेशान हो जाते थे. भारत के औरंगाबाद शहर में बसे उनके संबंधी इस त्योहार का पूरा आनंद लेते थे. लेकिन उसका भी हल निकल आया.
भारत में इन त्योहारों की छटा ही कुछ अलग होती है. लेकिन इस बार मेरे रिश्तेदारों ने वेबकैम के ज़रिए हमें यह सारा नज़ारा दिखाया. हमने उन्हें पटाख़े फोड़ते भी देखा.
डॉक्टर राजकुमार
वह कहते हैं, "होली-दीवाली पर हम अपने घरवालों को याद करके दुखी हो जाते थे. भारत में इन त्योहारों की छटा ही कुछ अलग होती है. लेकिन इस बार मेरे रिश्तेदारों ने वेबकैम के ज़रिए हमें यह सारा नज़ारा दिखाया. हमने उन्हें पटाख़े फोड़ते भी देखा".
मुसर्रत कहती हैं कि इस समय के हालात को देखते हुए भारत से पाकिस्तान जाना या वहाँ से किसी का आना इतना आसान नहीं रहा है. काग़ज़ी कार्रवाई में काफ़ी समय निकल जाता है और अगर सही काग़ज़ न हों तो फिर तो परेशानी और बढ़ जाती है.
लेकिन इंटरनेट ने इसका भी निदान कर दिया. मुसर्रत ने ज़रूरी काग़ज़ स्कैन करके भेजे और काम बन गया.
पहले ख़त, फिर फ़ोन और अब इंटरनेट. दुनिया बहुत क़रीब आ गई है. भारत और पाकिस्तान की सरहदें अब भी एक दूसरे को चाहने वालों को दूर किए हुए हैं लेकिन उन्होंने अब यह माध्यम ढूँढ लिया है एक दूसरे से जुड़ने का. और दूरी का अहसास दूर तो नहीं, लेकिन काफ़ी हद तक कम ज़रूर हो गया है.

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