गैजट की दुनिया में सबसे बड़ा इंतजार खत्म हो गया है। आई पॉड और आई फोन बनाने वाली कंपनी ऐपल ने अपना नया चमत्कार दुनिया के सामने पेश कर दिया है, जिसका नाम है आई पैड... 10 इंच की टचस्क्रीन वाला टैबलेट पीसी -जो न तो एक कंपलीट कंप्यूटर है, न फोन है और न ही नेटबुक है। लेकिन इसमें इतना दम है कि कई गैजट्स को यह खत्म कर सकता है। जलवा ऐसा कि यह लोगों में किताबें और अखबार पढ़ने की आदत डाल दे, टीवी देखने और गेमिंग का अंदाज बदल दे और सबसे बड़ी बात कि गैजट्स की एक नई कैटिगरी बना सकता है। ऐपल ने इसकी प्राइस रेंज महज 500 डॉलर (करीब 25,000 रुपये) से शुरू की है।
आई पैड के फीचर
आई पैड आखिर है क्या:
- यह एक ऐसा कंप्यूटर है जिसे आप इंटरनेट सर्फिंग, ई-मेल चेक करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। इस पर आप अखबारों और किताबों के ई-पेपर वर्जन पढ़ सकेंगे, म्यूजिक सुनने और गेम खेलने के लिए आई पैड इस्तेमाल होगा और विडियो देखने का फीचर भी इसमें है। इसमें फोन नहीं है। यह आपका अकले कंप्यूटर नहीं बल्कि सेकंडरी कंप्यूटर हो सकता है।
सबसे बड़ी बात:
- आई पैड कॉटेंट जनरेट करने वाला कंप्यूटर नहीं बल्कि कॉटेंट को इस्तेमाल करने वाला टैबलेट टचस्क्रीन कंप्यूटर है। टाइप करने के लिए इसकी स्क्रीन पर वर्चुअल की बोड आ जाएगा। आई पैड 9.7 इंच की एलईडी स्क्रीन वाली डिवाइस है, जिसे टैबलेट पीसी कहते हैं।
आई पैड के दो वर्जन है :
- वाई-फाई वाला और वाई फाई के साथ 3जी वाला। ऐपल के सीईओ स्टीव जॉब्स ने इसे सैन फ्रैंसिस्को में दुनिया के सामने पेश किया। इसका इंतजार इतना ज्यादा था कि लॉन्च के वक्त दुनियाभर में इंटरनेट की स्पीड स्लो हो गई, ट्विटर पर लॉन्च के एक घंटे में 1.77 लाख पोस्ट दर्ज की गईं, यानी हर मिनट में करीब 300 पोस्ट। यह एक रेकॉर्ड है और साबित करता है कि टॉप सीक्रेट रखे गए आई पैड के बारे में जानने की कितनी ज्यादा बेचैनी दुनियाभर में थी।
इंतजार का फल कैसा रहा?
- टेक्नॉलजी एक्सपर्ट निमिष दुबे कहते हैं कि महज 500 डॉलर प्राइस बहुत बड़ा फैक्टर है। ऐपल ने अब तक सिर्फ आई पॉड को आम लोगों के बजट में रखा था, आई फोन हो या मैक कंप्यूटर रेंज - वे बेहद महंगे थे। आई पैड पब्लिक का गैजट बनेगा। निमिष मानते हैं कि आई पैड में इतना दम है कि वह नेटबुक को खत्म कर सकता है, किंडल जैसे ई-बुक रीडर का बचना भी मुश्किल होगा। अब तक गिने चुने टैबलेट पीसी थे, वे भी 30-40 हजार की रेंज में। हालांकि साउंड के लिए मोनो आउटपुट निराश करता है और कंप्यूटिंग के दौरान मल्टी टास्किंग का फीचर तो ऐपल को कम से कम देना चाहिए था।
गैजट एक्सपर्ट का मानना है कि
- प्राइस तो कम है लेकिन देखना होगा कि यह किस काम आएगा। उनके मुताबिक अब तक हम जो कंप्यूटिंग करते रहे हैं वह क्रिएशन के लिए थी, जिसमें हम कुछ कंटेंट जेनरेट करते हैं, लेकिन आई पैड का फंडा कंटेंट को कन्जयूम करने का है। वह कहते हैं कि जब इसमें सभी न्यूज पेपर के सब्सिक्रिप्शन आ जाएगा, मैगजीन आ जाएंगी, गेमिंग होगी तो यह एक नई प्रॉडक्ट कैटिगरी को जन्म देगा। वह कहते हैं कि आई पैड नया कॉन्सेप्ट है जो हमारी आदतों को बदल भी सकता है और नहीं भी। यह कामयाब रहा तो नेटबुक, ई-बुक म्यूजिक पोर्टेबल डिवाइस जैसे तमाम गैजट खत्म हो जाएंगे, लेकिन... और यह लेकिन बहुत बड़ा सवाल है।
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