How to Learn Computer in Hindi

How to Learn Computer in Hindi
आप कंप्यूटर सीखना तो चाहते है लेकिन हिंदी में नेट पे बहुत कम लेख उपलब्ध होने के कारण सीख नहीं पा रहे है तो.....

टिप्स फॉर स्पीड अप यौर पीसी

Posted By: Dharmendra Goyal - 10:51 pm
जब आप कंप्यूटर को इंटरनेट के लिए यूज करते हैं तो वो काफी स्लो हो जाता है क्योंकि उसमें बहुत सी टेम्परेरी फाइल्स बन जाती है जिसके कारण डिस्क फ्रेगमेंटेशन यानी फाइल्स के छोटे-छोटे टुकड़े हार्ड डिस्क पर फैल जाते हैं। इसके अलावा जब आप बहुत से बीटा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं तो ये रजिस्ट्री जो विंडोज का अपना डाटाबेस होते हैं उसमें कई एंट्रीज बना देता है। अनइंस्टॉल करने पर ये रजिस्ट्री से एंट्रीज डिलीट नहीं होती हैं जिससे रजिस्ट्री का साइज बढ़ जाता है उसके कारण जब भी सेंटिग आदि के लिए विंडोज डाटाबेस को पढ़ती है तो टाइम ज्यादा लगता है जिस कारण सॉफ्टवेयर और विंडोज लोड होने में भी ज्यादा टाइम लगता है। 
 
अपने कंप्यूटर को सही रखने के लिए अपने एंटी वायरस, एंटीस्पाईवेयर आदि को रेग्युलर अपडेट करते रहें। इसके अलावा अपने विंडोज को 'विंडोज अपडेट प्रोगाम' से रेग्युलर सेक्योरिटी अपडेट्स करते रहें। इसके लिए अपने कंप्यूटर में ' Start ' ' Settings ' ' Control Panel ' में जाकर 'Automatic Updates ' पर डबल क्लिक करके ' Automatic ' या फिर ' Download Updates For Me ' ऑप्शन को सिलेक्ट करें। ये अपडेट्स जेनुअन विंडोज में ही चल पाएंगे। इसके अलावा अपने ब्राउजर में टेम्परेरी इंटरनेट फाइल्स, कुकीज आदि को क्लीन करते रहें। 
इसके लिए 'Browser ' में जाएं फिर ' Menu Bar ' में ' Tools Option ' में जाकर ' Internet Options ' को सिलेक्ट करके Delete Temporary Files, History और Cookies को डिलीट कर दें। 
अगर आपके कंप्यूटर में वायरस है तो Avast, Avira, Quick Virus Remover को यूज कर सकते हैं। इसके अलावा आप इन स्टेप्स को रूटीन में फॉलो करें। 

1. Start-Run-Cleanmgr को चलाकर डिस्क क्लीन-अप कर लें। 

2. Cleanmgr चलाने के बाद Start-Run में dfrg.msc को चला लें और सी ड्राइव को सिलेक्ट करके डीफ्रेग्मेंट चला लें। 

पहले स्टेप से गैर टेम्परेरी और दूसरी गैर-जरूरी फाइल्स क्लीन हो जाएंगी और दूसरे स्टेप से डी-फ्रेग्मेंट करने से पूरी डिस्क पर फैले फाइल्स के छोटे-छोटे पार्ट्स एक जगह जमा हो जाएंगे जिससे डिस्क पर फाइल लिखने और पढ़ने की स्पीड बढ़ जाएगी।

बेसिक्स ऑफ ई मेल पासवर्ड

Posted By: Dharmendra Goyal - 10:30 pm
पासवर्ड बनाने का मौका आया तो आपने झट से डाल दिया 'ललित' जो आपके बेटे का नाम है, क्योंकि उसमें अंक भी होने चाहिए तो आपने लिख दिया 'ललित 2003' जो ललित के जन्म का साल है। लेकिन क्या यह ऐसा पासवर्ड है जिसके भरोसे पर आप अपने पर्सनल डाक्यूमेंट और मैसेज की सेफ्टी को लेकर बेफ्रिक हो सकें? कोई दोस्त अनुमान लगाने बैठेगा तो आठ-दस प्रयास के बाद इसका पता लगा ही लेगा! खुद अपना, अपने पार्टनर, बच्चों आदि के नाम या गाड़ी, टेलीफोन के नंबर, जन्म के साल आदि को पासवर्ड बनाना बिना पासवर्ड के काम चलाने जैसा ही है। यही बात '12345' 'ABCDE' 'XYD' जैसे पासवर्ड पर भी लागू होती है। अपने कंप्यूटर, ई-मेल, बैंक खाते आदि को सेफ रखना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखें : 
 
पासवर्ड ऐसा होना चाहिए जो किसी भी डिक्शनरी में न मिले। धोखेबाज उन्हें ढूंढने के लिए कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर को यूज करते हैं जो बहुत तेजी से हजारों किस्म के कॉम्बीनेशंस को आजमाकर देख लेते हैं। वे वर्णमाला के अक्षरों, अंकों आदि से शुरू करके पूरी-की-पूरी डिक्शनरी को आजमा लेते हैं। 

अगर आपका पासवर्ड 'ABC' है तो उसे ढूंढने में सॉफ्टवेयर को सिर्फ छह कॉम्बीनेशंस आजमाने पड़ेंगे। अगर वह 'ABC123' है तो उसे 720 बार प्रयास करना पड़ेगा और 'ABC1234' के लिए यह संख्या छह हजार से ज्यादा होगी। आप के लिए छह हजार बार प्रयास करना भले ही मुश्किल हो लेकिन कंप्यूटर के लिए यह सैकंडों का खेल है। 

पासवर्ड जितना बड़ा और मुश्किल होगा, उतना ही अच्छा रहेगा। 14 अक्षरों का पासवर्ड बहुत सेफ माना जाता है। कोशिश करें कि इसमें कैपिटल और स्मॉल लैटर, अंक, स्पेशल कैरेक्टर्स (@!&%{-$ आदि) भी हों। आप चाहें तो इसके लिए maord.com और strongpasswordgenerator.com जैसे ऑनलाइन पासवर्ड जेनरेटर्स की मदद भी ले सकते हैं। 

पासवर्ड को कहीं भी लिखकर न रखें। अगर आप कई पासवर्ड यूज करते हैं और आपके लिए उन्हें याद रखना मुश्किल है तो कीपास (keepass.info) जैसे फ्री सॉफ्टवेयर को यूज करें जो उन्हें एनक्रिप्ट करके सेफ रखता है। 

अपने पासवर्ड को महीने में एक बार जरूर बदल लें। अगर पूरी तरह बदलना आसान न लगे तो कम-से-कम उनमें हर बार एक-दो अक्षर या अंक जरूर जोड़ लें या बदल दें। 

अपने सभी अकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड यूज न करें। अगर वह लीक हुआ तो कहीं भी, कुछ भी सीक्रेट नहीं बचेगा। सब अकाउंट्स में अलग पासवर्ड का मतलब है, सबकी अलग-अलग सेफ्टी। 

दूसरों के कंप्यूटरों पर (साइबर कैफे आदि में) बैठें तो ध्यान रखें कि ई-मेल अकाउंट या ब्राउजर में 'stay signed in' जैसी कोई सैटिंग तो नहीं है। वरना आपके हटते ही कोई आपकी मेल पढ़ रहा होगा। काम पूरा होने पर वेब पेज को 'sign out' करना न भूलें। संभव हो तो tools मेन्यू में 'internet options' पर जाकर 'browsing history' में जाकर 'delete' कर दें। 

अपना पासवर्ड किसी को न बताएं। अगर ऐसा करना बहुत जरूरी हो तो काम पूरा होते ही उसे बदल दें। भूले हुए पासवर्ड को ई-मेल से मंगवाया है तो नया पासवर्ड आते ही उसे बदल दें।

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