जब आप कंप्यूटर को इंटरनेट के लिए यूज करते हैं तो वो काफी स्लो हो जाता है क्योंकि उसमें बहुत सी टेम्परेरी फाइल्स बन जाती है जिसके कारण डिस्क फ्रेगमेंटेशन यानी फाइल्स के छोटे-छोटे टुकड़े हार्ड डिस्क पर फैल जाते हैं। इसके अलावा जब आप बहुत से बीटा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं तो ये रजिस्ट्री जो विंडोज का अपना डाटाबेस होते हैं उसमें कई एंट्रीज बना देता है। अनइंस्टॉल करने पर ये रजिस्ट्री से एंट्रीज डिलीट नहीं होती हैं जिससे रजिस्ट्री का साइज बढ़ जाता है उसके कारण जब भी सेंटिग आदि के लिए विंडोज डाटाबेस को पढ़ती है तो टाइम ज्यादा लगता है जिस कारण सॉफ्टवेयर और विंडोज लोड होने में भी ज्यादा टाइम लगता है।
अपने कंप्यूटर को सही रखने के लिए अपने एंटी वायरस, एंटीस्पाईवेयर आदि को रेग्युलर अपडेट करते रहें। इसके अलावा अपने विंडोज को 'विंडोज अपडेट प्रोगाम' से रेग्युलर सेक्योरिटी अपडेट्स करते रहें। इसके लिए अपने कंप्यूटर में ' Start ' ' Settings ' ' Control Panel ' में जाकर 'Automatic Updates ' पर डबल क्लिक करके ' Automatic ' या फिर ' Download Updates For Me ' ऑप्शन को सिलेक्ट करें। ये अपडेट्स जेनुअन विंडोज में ही चल पाएंगे। इसके अलावा अपने ब्राउजर में टेम्परेरी इंटरनेट फाइल्स, कुकीज आदि को क्लीन करते रहें।
इसके लिए 'Browser ' में जाएं फिर ' Menu Bar ' में ' Tools Option ' में जाकर ' Internet Options ' को सिलेक्ट करके Delete Temporary Files, History और Cookies को डिलीट कर दें।
अगर आपके कंप्यूटर में वायरस है तो Avast, Avira, Quick Virus Remover को यूज कर सकते हैं। इसके अलावा आप इन स्टेप्स को रूटीन में फॉलो करें।
1. Start-Run-Cleanmgr को चलाकर डिस्क क्लीन-अप कर लें।
2. Cleanmgr चलाने के बाद Start-Run में dfrg.msc को चला लें और सी ड्राइव को सिलेक्ट करके डीफ्रेग्मेंट चला लें।
पहले स्टेप से गैर टेम्परेरी और दूसरी गैर-जरूरी फाइल्स क्लीन हो जाएंगी और दूसरे स्टेप से डी-फ्रेग्मेंट करने से पूरी डिस्क पर फैले फाइल्स के छोटे-छोटे पार्ट्स एक जगह जमा हो जाएंगे जिससे डिस्क पर फाइल लिखने और पढ़ने की स्पीड बढ़ जाएगी।