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किंग्सटन स्थित रॉयल मिलिटरी कॉलेज के कंप्यूटर इंजीनियरों ने पहली बार इसका पता लगाया है। उनका कहना है कि ऐसा कोई नकली ड्राइव लगाए जाने पर भी कंप्यूटर उसे पहचान नहीं पाएगा, क्योंकि यूएसबी प्रोटोकॉल में इसके लिए कोई तरीका ही नहीं सुझाया गया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से यूएसबी संचालित माउस या की-बोर्ड के मेक और मॉडल का पता लगाकर नकली डिवाइस बनाई जा सकती है।