How to Learn Computer in Hindi

How to Learn Computer in Hindi
आप कंप्यूटर सीखना तो चाहते है लेकिन हिंदी में नेट पे बहुत कम लेख उपलब्ध होने के कारण सीख नहीं पा रहे है तो.....

How to Buy a Printer

Posted By: Dharmendra Goyal - 1:38 pm


बाजार में कई तरह के प्रिंटर मिलते हैं। सिर्फ प्रिंटर या मल्टी फंकशन डिवाइस (एमएफडी) में स्कैन, प्रिंटर, कॉपियर या फैक्स एक ही डिवाइस में मौजूद होते हैं। ये डिवाइस स्पेस कम खाते हैं। 

एमएफडी या प्रिंटर भी दो तरह के होते हैं पहला : लेजर और दूसरा इंकजेट। लेजर प्रिंटर में मोनोक्रोम या कलर लेजर प्रिंटर होते हैं जबकि इंकजेट में अब कलर प्रिंटर ही आते हैं। 

इंकजेट और लेजर प्रिंटर में कई तरह के फर्क हैं। लेजर प्रिंटर में लेजर बीम से ड्रम पर इमेज बनती है और प्रिंटर उसे पेपर पर ट्रांसफर कर देता है। वहीं इंकजेट एक स्प्रे टेक्नॉलजी है जो इंक को पेपर पर स्प्रे करती है। इस टेक्निक की वजह से लेजर प्रिंटर काफी फास्ट है और इसकी प्रिंट क्वॉलटी भी अच्छी है।

ऑफिस या होम ऑफिस के लिए आप एंट्री लेवल लेजर प्रिंटर या हाई-एंड एमएफडी ले सकते हैं। ऑफिस प्रिंटर के लिए बफर साइज ज्यादा-से-ज्यादा (प्रिंट को जल्दी मेनेज करने के लिए), रैम कपैसिटी ज्यादा (कॉम्प्लेक्स पेजेज जैसे ग्राफिक्स आदि को प्रिंट करने के लिए) और ड्यूटी साइकल ज्यादा-से-ज्यादा लें। 

बफर साइज ज्यादा होने से प्रिंटिंग प्रोसेस फास्ट हो जाता है। ड्यूटी साइकल लेजर प्रिंटर में उसके ड्रम की कपैसिटी के बारे में बताता है। इसके अलावा ऑफिस प्रिंटर के लिए आपको नेटवर्क कनेक्टिविटी और सॉफ्टवेयर कम्पैटेबिलिटी जैसे Linux, Windows, Mac आदि से अनुकूलता का ध्यान रखना होगा। 

आप जिस ऑपरेटिंग सिस्टम से प्रिंट करेंगे उसके साथ प्रिंटर की अनुकूलता जरूरी है। अगर ज्यादा प्रिंट निकालने हो तो लेजर प्रिंटर ही लेना चाहिए। कलर प्रिंट चाहते हैं तो इंकजेट प्रिंटर ही लें क्योंकि कलर प्रिंटर के लिए इंकजेट काफी किफायती है। कलर लेजर प्रिंटर और इनके री-फिल बहुत महंगे है।

इसके अलावा अगर आप अपने घर के लिए ही प्रिंटर लेना चाहते हैं तो इंकजेट अच्छा है। लेजर प्रिंटर तभी लें जब आपको काफी सारे प्रिंट निकालने पड़ते हों। अगर आप कभी-कभी ही स्कैन या फैक्स करते हैं तो सिर्फ प्रिंटर ही लें। घर के लिए उसी प्रिंटर को चुनें जिसे खरीदने के बाद खराब होने पर उसकी सर्विस आसानी से हो सके। 

सबसे जरूरी है कि यह प्रिंटर आपके कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ अनुकूल हो। घर और ऑफिस के लिए प्रिंटर लेते समय उसके पेपर हैंडलिंग ट्रे के साइज पर भी ध्यान दें। अगर आप लैटर्स या डॉक्युमेंट्स प्रिंट करते हैं तो ए-4 साइज पेपर के साथ-साथ एनवलप प्रिंटिंग का भी ऑप्शन होना जरूरी है। 

अगर बड़े पोस्टर या फिर ग्राफिक्स और पिक्चर्स जोकि डिस्प्ले में इस्तेमाल करते हैं, आदि को प्रिंट करते हैं तो ए-3 साइज को चुनें। ऑफिस और घर दोनों ही प्रिंटर्स के लिए पेपर के दोनों तरफ प्रिंट करने का ऑप्शन होना जरूरी है। इससे आप स्टेशनरी के खर्च को कम कर सकते हैं साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।

स्पीड और प्रिंट क्वॉलिटी जिसे हम DPI में नापते हैं , की ओर भी ध्यान देना चाहिए। आम तरह के प्रिंटर जिसमें लेटर्स , ऑफिस मेमोज और प्रेजेंटेशन आदि हो सकते हैं के लिए 600 DPI का प्रिंटर लें। अगर आप हाई रिजोल्यूशन ग्राफिक्स आदि को प्रिंट करना चाहते हैं तो हायर रिजोल्यूशन का प्रिंटर लें।

What is Modem?

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:20 pm


कंप्यूटर की दुनिया में मोडेम की खासी चर्चा होती रहती है। यह पहले बड़ा और कंप्यूटर से बाहर होता था लेकिन अब यह छोटा और इनबिल्ट हो गया है।

मोडेम का पूरा अर्थ होता है मॉड्युलेटर-डिमॉड्युलेटर। यह एक ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटर को टेलीफोन या केबल से डेटा भेजने में मदद करता है। कंप्यूटर इंफोर्मेशन को डिजिटल फॉर्म में इसके जरिये स्टोर किया जाता है जबकि टेलीफोन से मिले डेटा को एनालॉग तरंगों के रूप में भेजा जाता है। मोडेम दोनों फॉर्म के बीच काम करता है।

आजकल हर सेवा के अलग-अलग मोडेम होते हैं जैसे
  • फैक्स मोडेम,
  • केबल मोडेम,
  • पीसीआई मोडेम,
  • वायरलेस मोडेम वगैरह-वगैरह।

इन सभी का काम एक ही है। मोडेम का वर्गीकरण उसके डेटा भेजने की क्षमता के अनुसार ही होता है।

How to Install Hindi Font in XP

Posted By: Dharmendra Goyal - 6:15 pm


विंडोज एक्सपी में हिंदी फॉण्ट इन्स्टाल करने की प्रोसेस निम्न प्रकार है :- 

CLICK ON START 
|
Control Panel
|
Date, Time, Language and Regional Options
|
Regional and Language Options
|
Languages Tab
|
Install files for complex scripts
|
Finally Click on APPLY button 

अब खुलने वाले डायलॉग बॉक्स में दिखाया जाएगा कि आप अपने कंप्यूटर में इन्डिक और कुछ दूसरी भाषाओं की फाइलें कॉपी करने जा रहे हैं। इस पर OK करें।

इस पर आपसे इन्स्टॉलेशन सीडी मांगी जाएगी। इसके बाद कंप्यूटर सीडी से कुछ फाइलों को कॉपी करेगा।

यह प्रोसेस पूरा होने पर इसी टैब में ऊपर दिया Details बटन दबाएं और Add बटन पर क्लिक करें। अब खुलने वाले छोटे डायलॉग बॉक्स में अलग-अलग स्क्रिप्ट्स की लिस्ट होगी, जिसमें हिंदी को चुनें। अब OK बटन दबाकर Regional & Language Options वाला डायलॉग बॉक्स बंद करें।

विंडोज टास्क बार पर EN और HI वाला ऑप्शन दिखाई देने लगेगा। यानी हिंदी यूनिकोड समर्थन सक्रिय हो चुका है।

नोट : अगर लैंग्वेज बार दिखाई न दे तो Start>Control Panel>Date, Time, Language and Regional Options>Regional & Language Options>Languages Tab> Details पर जाएं और Language Bar... बटन पर क्लिक करें। यहां दिखने वाले Show the Language bar on the desktop ऑप्शन के सामने बॉक्स पर टिक कर OK करें और फिर से OK दबाकर डायलॉग बॉक्स बंद करें। लैंग्वेज बार दिखने लगेगा।

सुपर लैपटॉप

Posted By: Dharmendra Goyal - 9:01 pm
टेक्नोलॉजी की दुनिया तेजी से बदलती जा रही है और इसमें नित नए अविष्कार हो रहे हैं। सुपर कंप्यूटर के बाद अब रहा है सुपर लैपटॉप जिसे अल्ट्राबुक का नाम दिया गया है।

यह बेहद हल्का और प्रभावशाली है तथा इसकी बैटरी बहुत ताकतवर है। इस अल्ट्राबुक का स्क्रीन 11 से 13 इंच तक का है। इसके पास कैलकुलेट करने की क्षमता बहुत ज्यादा है।



ताइवान की कंपनी एसस इस अल्ट्राबुक को बारत में लांच करेगी। इसे यूएक्स 21 का नाम दिया गया है और यह अगले साल के शुरू में भारत में उतरेगी। इसकी कीमत एक हजार डॉलर यानी 45,000 रुपए होगी। एशर भी एक अल्ट्राबुक लांच करेगी।



इस अल्ट्राबुक में इंटेल का चिप लगा हुआ है जो बेहद आधुनिक और तेज रफ्तार है। यह सुपरलैपटॉप बाजार में बिक रहे लैपटॉप से कई गुना ज्यादा शक्तिशाली है।

How to Learn Computer in Hindi

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:20 am

क्या आपने कंप्यूटर को काम में लेना अभी अभी शुरू ही किया है ? क्या आप विस्मय में पड़ जाते है जब आप क्लाउड, विंडोज, आइ एस पी या फिर ऐप शब्द किसी को बोलते हुए सुनते है ? शायद आप कंप्यूटर के बारे में थोड़ा बहुत जानने या सिखने के इच्छुक है । यदि आप वास्तव में यह सोचते है तो आप हमारे लेटेस्ट अपडेट्स को पढ़ कर आसानी से कंप्यूटर को उपयोग में लेना सिख सकते है । 

आप कंप्यूटर सीखना तो चाहते है लेकिन हिंदी में नेट पे बहुत कम लेख उपलब्ध होने के कारण सीख नहीं पा रहे है तो झटपट कंप्यूटर सीखने के पुस्तक को पीडीऍफ़ फाइल्स के रूप में अपने कंप्यूटर पर सेव कर ले और कंप्यूटर की बेसिक्स की जानकारी ले | वो भी एकदम मुफ्त !!! 

Introduction to Computer, Memory Units, Input Devices, Output Devices, Storage Devices
Download

How to set Windows, arrange icons, scrolling
Download

How to share PC to PC

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:17 pm
घर में दो कंप्यूटर आ गए हैं - एक डेस्कटॉप और एक लैपटॉप, या फिर दोनों डेस्कटॉप या दोनों लैपटॉप। आपको जरूरत है एक बड़ी-सी मूवी या गेम को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डालने की। पेन ड्राइव छोटी पड़ गई है क्योंकि फाइल बड़ी है। अब क्या करें? क्या डीवीडी बर्न करके डेटा ट्रांसफर करें? उसमें बहुत वक्त लग जाएगा और डीवीडी (डिस्क) भी खरीदकर लानी होगी। लेकिन ठहरिए! आप दोनों कंप्यूटरों को आपस में जोड़ भी तो सकते हैं। उसी तरह जैसे दफ्तरों में कंप्यूटर आपस में एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, नेटवर्क के जरिए। 
कैसे, बता रहे हैं बालेन्दु शर्मा दाधीच :

अगर आपको घर में दो कंप्यूटरों में डेटा ट्रांसफर करना हो तो जरूरत है तो सिर्फ एक केबल (तार) की, जिसे ईथरनेट क्रॉसओवर केबल कहते हैं। दोनों कंप्यूटरों में नेटवर्क कार्ड भी होना चाहिए, जो आज लगभग हर कंप्यूटर में पहले से ही लगा आता है। अगर आपके दोनों कंप्यूटरों में विंडोज का कोई-न-कोई वर्जन इन्स्टॉल्ड है तो उन्हें आपस में कनेक्ट करना चुटकियों का काम है।

ऐसी स्थितियां और भी आती हैं, जब आपको दो कंप्यूटरों को जोड़ने की जरूरत पड़ सकती है। मिसाल के तौर पर एक कंप्यूटर को पूरी तरह साफ (फॉर्मैट और रि-इन्स्टॉल) करने से पहले आप चाहेंगे कि उसका सारा डेटा किसी सुरक्षित जगह पर कॉपी कर लिया जाए। एक ग्राफिक डिजाइनर, जो एक कंप्यूटर में ग्राफिक्स के भारी-भरकम सॉफ्टवेयर रखता है और दूसरे में अपने कारोबार से जुड़ी फाइलें, भी ऐसी कनेक्टिविटी चाहेगा। या फिर कोई छोटा बिजनेसमैन, जिसके दफ्तर में दो कंप्यूटर हैं और उनके बीच फाइलों के लेनदेन की जरूरत पड़ती रहती है। किसी अफसर और उसके सेक्रेट्री के कंप्यूटरों को भी आपस में कनेक्ट करने की जरूरत पड़ सकती है तो दो छात्रों को होमवर्क शेयर करने के लिए भी। और हां, अगर दो भाई-बहनों को नेटवर्क गेम (जिनमें खिलाड़ी अलग-अलग कंप्यूटरों पर रहते हुए एक ही गेम में कम्पीट करते हैं) खेलने हैं तो फिर फ्लैश ड्राइव या एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव भी कुछ नहीं कर सकती। दोनों कंप्यूटरों को कनेक्ट करना ही पड़ेगा।

क्रॉसओवर केबल 

अगर आपने कभी इंटरनेट कनेक्शन या नेटवर्क कनेक्शन का इस्तेमाल किया हो तो आपने यह केबल जरूर देखी होगी। इसके दोनों सिरों पर दो सॉकेट्स होते हैं, जो करीब-करीब वैसे ही होते हैं जैसे फोन और उसकी डिब्बी को कनेक्ट करने वाले तार में होते हैं। लेकिन ईथरनेट क्रॉसओवर केबल के सॉकेट्स टेलिफोन केबल के सॉकेट्स से थोड़े बड़े और चौड़े होते हैं। यह तार किसी इलेक्ट्रिसिटी शॉप, कंप्यूटर शॉप या स्टेशनरी शॉप पर मिल सकती है और कई साइजों में आती है। पांच मीटर की लंबाई वाली साधारण केबल की कीमत 50 रुपये के करीब होती है।

कैसे करें कनेक्ट
अपने कंप्यूटरों के पीछे की ओर (लैपटॉप में पीछे या फिर साइड में) लगे हुए नेटवर्क कार्ड को देखिए। नेटवर्क कार्ड कई तरह के होते हैं और उनमें एक से ज्यादा तरह के सॉकेट्स के लिए कनेक्टर्स बने हुए हो सकते हैं। लेकिन आपको एक ऐसा कनेक्टर ढूंढना है, जिसमें आपकी क्रॉसओवर केबल का सॉकेट आसानी से फिट होता हो। इसे तकनीकी भाषा में आरजे 45 कनेक्टर कहते हैं। दोनों कंप्यूटरों में ऐसे कनेक्टर ढूंढकर तार के दोनों सिरों (सॉकेट्स) को उनमें अच्छी तरह फिट कर दीजिए। क्या कहा आपने? दोनों कंप्यूटरों को जोड़ना इतना आसान था तो आपने पहले क्यों नहीं कर लिया? जी नहीं, यह तो अभी पहला चरण है। दूसरा चरण अभी बाकी है, जिसमें आप एक छोटा-सा घरेलू नेटवर्क तैयार करेंगे। घबराइए नहीं, बस तीन-चार मिनट की बात है।

भले ही कनेक्ट होने वाले कंप्यूटर सिर्फ दो हैं, लेकिन आपको एक छोटा-सा 'नेटवर्क' बनाने की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए अपने विंडो कंप्यूटर में इस तरह आगे बढ़ें :

स्टेप 1 : जरूरी आईपी सेटिंग्स
विंडोज एक्सपी के लिए :

Start - Settings - Network Connections पर जाएं।

Local Area Connection को ढूंढें और राइट क्लिक करें। अब Properties को सलेक्ट करें, जिससे Local Area Connection Properties डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।

Internet Protocol (TCP/IP) सलेक्ट करें और Properties बटन दबाएं। इससे Internet Protocol (TCP/IP) Properties डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।

दोंनों ही कंप्यूटरों में Use the Following IP Address को चुनें और हर कंप्यूटर का यूनीक आईपी एड्रेस डालें। आईपी एड्रेस आपके कंप्यूटर की डिजिटल पहचान होता है। लोकल नेटवर्क के लिए 192.168.1. x आईपी एड्रेस का इस्तेमाल होता है, जिसमें x 1 से 255 के बीच कोई भी नंबर हो सकता है। अपने एक कंप्यूटर का आईपी एड्रेस 192.168.1.1 रख लें और दूसरे का 192.168.1.2

आईपी एड्रेस के नीचे Subnet Mask नामक बॉक्स दिखाई देगा, जिसमें 255.255.255.0 डालकर ओके बटन दबा दें। ध्यान रहे, यह प्रक्रिया दोनों कंप्यूटरों में करनी है। अगर दूसरा कंप्यूटर विंडोज एक्सपी नहीं बल्कि विंडोज विस्टा या विंडोज 7 है तो उसके लिए नीचे दिए गए तरीके का इस्तेमाल करें।

विंडोज 7 के लिए :
Start - Control Panel - Network and Internet - Network and Sharing Center पर जाएं और अब लेफ्ट ओर Change Adapter Settings पर क्लिक करें। अब खुलने वाले पेज में Local Area Networking का आइकन दिखाई देगा।

ज्इस पर राइट क्लिक करें और बाकी कदम उसी तरह उठाएं, जैसे विंडोज एक्सपी के लिए ऊपर दिए गए हैं।

स्टेप 2 : वर्कग्रुप बनाना
अब आपको एक वर्कग्रुप बनाना है, जिसके मेंबर ये दोनों कंप्यूटर होंगे। वर्कग्रुप कंप्यूटरों का एक ग्रुप है। एक नेटवर्क में कई वर्कग्रुप हो सकते हैं, लेकिन उस बारे में फिर कभी चर्चा करेंगे। वर्कग्रुप ऐसे बनाएं :

सबसे पहले Start ->Control Panel->System पर जाएं।

अब खुलने वाले डायलॉग बॉक्स में Computer Name tab पर जाएं और Change बटन पर क्लिक करें। इससे Computer Name Changes डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा।

ज्यहां अपने कंप्यूटर का नाम (जैसे होम कंप्यूटर1 या लैपटॉप, डेस्कटॉप आदि) दे दें। यही प्रक्रिया दूसरे कंप्यूटर में भी दोहराएं और उसे एक अलग नाम दे दें।

ज्आपके कंप्यूटरों को जोड़ने वाले वर्कग्रुप (नेटवर्क) का भी एक नाम होना चाहिए। दोनों कंप्यूटर इसके सदस्य होंगे। इसका कोई अच्छा सा नाम सोच लीजिए, जैसे Home Network या My Network आदि।

कंप्यूटर का नाम देने के बाद उसके नीचे ही Member of Workgroup नामक बॉक्स में अपने वर्कग्रुप का नाम भर दीजिए (जैसे Home Network)। यह प्रोसेस दोनों कंप्यूटरों में पूरी करें। याद रहे, दोनों कंप्यूटरों के अपने नाम तो अलग-अलग हैं और आईपी एड्रेस भी अलग-अलग हैं, लेकिन वर्कग्रुप का नाम एक समान होना चाहिए।

ओके बटन दबा दें और कंट्रोल पैनल से बाहर आ जाएं। दोनों कंप्यूटर एक बार रिस्टार्ट होंगे। रिस्टार्ट होते ही आपका घरेलू नेटवर्क तैयार है।

Start - Control Panel - System and Security - System पर जाएं और Change Settingsलिंक को क्लिक करें। बाकी प्रोसेस वही है, जो विंडोज एक्सपी के लिए है।

स्टेप 3 : जरा-सी चेकिंग
आइए, अब देखते हैं कि क्या आपके दोनों कंप्यूटर कनेक्ट हो चुके हैं?

Start - Settings - Network Settings पर जाकर My Network Places पर क्लिक करें। अब Entire Network पर क्लिक करें और फिर Microsoft Windows Network पर डबल क्लिक करें। आपको अपने वर्कग्रुप का नाम दिखाई देगा। उस पर डबल क्लिक करके देखिए, दूसरे कंप्यूटर का नाम दिखाई देगा। जाहिर है, आपके दोनों कंप्यूटर एक-दूसरे से कनेक्ट हो चुके हैं। अब एक छोटा-सा प्रोसेस और बचता है, और वह है दूसरे कंप्यूटर की सामग्री को access करने का। उसके लिए हमें नेटवर्क शेयरिंग सुविधा का इस्तेमाल करना होगा।

विंडोज 7 के लिए:
Start - Control Panel - Network and Internet पर जाकर Home Group पर क्लिक करें। आपके नेटवर्क में मौजूद दूसरा कंप्यूटर दिखाई देगा।

स्टेप 4 : फोल्डर शेयरिंग
दोनों कंप्यूटरों में एक-एक ऐसा फोल्डर बना लीजिए, जिसकी सामग्री को आप दूसरे कंप्यूटर में access करना चाहते हैं। इसे कोई सुविधाजनक नाम दे दीजिए, जैसे Shared Laptop Folder और Shared Desktop Folder वगैरह।

इस फोल्डर पर राइट माउस क्लिक करके Properties पर क्लिक करें। अब खुलने वाले डायलॉग बॉक्स में Sharing tab को सलेक्ट कर लें। अब Share this folder को सलेक्ट करें और फिर
Shared Laptop Folder और Shared Desktop Folder जैसा कोई सुविधाजनक नाम दे दीजिए। दूसरे कंप्यूटर में आपको अपना शेयर्ड फोल्डर इसी नाम से दिखाई देगा। अब OK बटन दबा दीजिए।

विंडोज 7 में भी यह प्रोसेस इसी तरह होगा।

स्टेप 5 : करें इस्तेमाल
विंडोज एक्सपी में : Start - Settings - Network Settings पर जाकर My Network Places पर क्लिक करें। अब Entire Network पर क्लिक करें और फिर Microsoft Windows Network पर डबल क्लिक करें। अपने वर्कग्रुप के नाम पर डबल क्लिक करके देखिए, दूसरे कंप्यूटर का नाम दिखाई देगा।

विंडोज 7 मे : Start - Control Panel - Network and Internet पर जाकर Home Group पर क्लिक करें। आपके नेटवर्क में मौजूद दूसरा कंप्यूटर दिखाई देगा।

दूसरे कंप्यूटर के नाम पर क्लिक करके देखिए, उसमें आपका शेयर्ड फोल्डर दिखाई देगा और उसके भीतर पड़ी फाइलें भी। अब इस कंप्यूटर की फाइलें दूसरे कंप्यूटर पर access होने लगी हैं। इधर से फाइलें उधर कॉपी करके देखिए। क्यों आया न मजा? तो लीजिए बन गया आपका छोटा-सा होम नेटवर्क।

सिर्फ फाइलें और फोल्डर ही क्यों, अब आप एक कंप्यूटर से जुड़ी चीजों (मसलन डीवीडी ड्राइव, प्रिंटर, स्कैनर आदि) का भी दूसरे कंप्यूटर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। बस उन्हें 'शेयर' भर करते जाना है।

What are Widgets ?

Posted By: Dharmendra Goyal - 11:22 pm


विजेट छोटे-छोटे ऐप्लिकेशंस , सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स हैं जो आपके कंप्यूटर की स्क्रीन पर रहते हुए छोटी-छोटी सेवाएं देने में सक्षम हैं। विंडोज विस्टा , विंडोज-7 जैसे कई आपरेटिंग सिस्टम्स के साथ कई विजेट्स खुद-ब-खुद इन्स्टॉल हो जाते हैं जिन्हें सिर्फ एक्टिव करने की जरूरत होती है। बाकी इंटरनेट से सर्च करके डाउनलोड किए जा सकते हैं। इंटरनेट से समाचारों की सुखिर्यां ढूंढकर आपके डेस्कटाप पर दिखाने वाले, आकर्षक अंदाज में समय दिखाने वाले, स्क्रीन पर इमेजेज का स्लाइड शो चलाने वाले, मौसम की सूचनाएं देने वाले, संगीत सुनाने वाले इंटरनेट सर्च की सुविधा देने वाले और ऐसे ही ढेरों विजेट्स सूचनाओं और सुविधाओं को आपके सामने लाकर रख देते हैं। इनमें से कुछ इंटरनेट से कनेक्टेड होते हैं तो कुछ आपके अपने कंप्यूटर से जुड़ी सूचनाओं को ही दिखाते हैं। विजेट्स की एक अलग कैटेगरी भी है जो वेबसाइटों पर इस्तेमाल किए जाते हैं।

भाषा अनुवादक : विश्व प्रसिद्ध

Posted By: Dharmendra Goyal - 10:56 am
 यदि आप एक ऐसे भाषा अनुवादक कि खोज कर रहे है जो आपके लिए बिना किसी त्रुटी के आपकी इच्छित भाषा का सही सही रूपांतरण किसी अन्य भाषा में करके इसकी व्याकरण सम्बंधित अशुद्धियों को भी दूर कर सके तो आपकी खोज अब समाप्त हो गयी है 
Babylon की विशेषताएं:
  • Babylon एक प्रसिद्ध भाषा  अनुवाद और शब्दकोश सॉफ्टवेयर है जिसकी सहायता से 1400 विभिन्न तरीको से  डेटाबेस परिणाम प्राप्त किये जा सकते है.
  • 75 भाषाओं में अनुवाद करने कि क्षमता 
  • 28 भाषाओं में पाठ अनुवाद

बस एक क्लिक में सब कुछ.

Text translation has never been easier!
Just click any word in the text you want to translate and Babylon will automatically identify the relevant text passage and translate it.

Get single click results from the world’s leading dictionaries and encyclopedias, such as Oxford, Britannica, Pons, Merriam Webster, Larousse and much more.

Wikipedia content - Babylon’s single click intuitive technology now offers its users results from Wikipedia the multilingual web-based encyclopedia in 18 languages with more than 2 million अर्तिक्लेस


Copyright © 2015 हिंदी कंप्यूटिंग टिप्स and designed by Templateism.